SDO full form in Hindi | SDO कैसे बने?

SDO full form in Hindi: अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है, तो आपने कभी न कभी SDO officer के बारे में सुना होगा. बहुत सारे युवा SDO के पद के लिए तैयारियां भी कर रहे होते हैं। अगर आप भी सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि SDO full form क्या है? और इसके कार्य क्या क्या है?

आज हम आपको full form of SDO के बारे में बताएंगे. सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले सभी को पता होगा कि देश में कई सारे सरकारी पद होते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में SDO kya hota hai? SDO का हिंदी में अर्थ क्या है? SDO Kaise bane? इन सब के बारे में जानकारी देंगे।

SDO लगभग हर सरकारी विभाग में नियुक्त किया जाता है. यह मंडल स्तर का अधिकारी होता है जिसे अलग-अलग कार्य सौंपा जाता है। SDO और SDM दोनों ही अलग-अलग post है। आज हम यह भी जानेंगे कि इन दोनों में difference क्या है?

SDO full form in Hindi | SDO कैसे बने ?

SDO full form in Hindi

SDO ka full form : Sub Divisional Officer
SDO full form in Hindi: उप-विभागीय अधिकारी

SDO का फुल फॉर्म Sub Divisional Officer होता है। जिसे हिंदी में अनुविभागीय अधिकारी के नाम से भी जाना जाता है। अनुविभागीय अधिकारी उप-मंडल का मुख्य नागरिक अधिकारी होता है। सरकार के विभिन्न विभागों का सुचारु रूप से संचालन करने के लिए नियुक्त किया जाता है।

SDO full form kya Hai?

SDO एक सरकारी पोस्ट है। जो सभी राज्य के लगभग हर विभाग में होती है. जैसे की पुलिस विभाग, बिजली विभाग, सिंचाई विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD), डाक विभाग, एमईएस (Military Engineering Services), आदि सभी government department में होता है।. यह अधिकारी संबंधित विभागों में कार्यरत सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर होते है।

हमारे देश में सभी District को छोटे-छोटे पार्ट में बांटा गया है। इन सभी विभाग के लिए हर government department द्वारा अधिकारी नियुक्त किये जाते है। जिन का कार्य डिवीजन स्तर पर सरकारी कार्यों का सही तरह से संचालन करना होता है। इस सब डिवीजन के अधिकारियों को SDO या Sub Divisional Officer कहा जाता है।

SDO के कार्य और भूमिका

SDO अपने विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता है. जो कार्य पुरे जिले में एक DM का होता है उसी तरह से एक SDO की भूमिका अपने डिवीजन में होती है. जिसमें उसके डिवीज़न में आने वाले अन्य सभी छोटे अधिकारी अपने काम के लिए SDO के प्रति जवाबदेही होते है।

अपने विभाग के विकास कार्यों की पूरी देखरेख SDO officer रखता है, जिसमें वह तहसीलदार और अन्य अधिकारियों की मदद लेता है. साथ ही Sud Division Officer इन छोटे अधिकारियों के लिए जनता द्वारा आई शिकायतों पर भी सुनवाई करता है।

वास्तव में, SDO राजस्व कानूनों के तहत, यह कलेक्टर की शक्तियों के साथ निहित है, इस शक्ति का उपयोग अपने अधिकार क्षेत्र में करता है।

SDO कैसे बने? (How to Become SDO)

दोस्तों, अब हम जानेंगे कि SDO के लिए selection process क्या है? SDO officer राज्य सरकार के अधीन एक सरकारी अधिकारी होता है, इसलिए इसका चयन भी राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। SDO का चयन दो प्रकार से किया जाता है।

पहला है विभागीय प्रमोशन द्वारा SDO चुना जाता है। इसमें उस विभाग में काम करने वाले छोटे अधिकारियों को उनके अच्छे कार्यों के लिए pramote करके SDO बना दिया जाता है।

इसके दूसरे तरीके में सरकार SDO के post की भर्ती के लिए direct exam का आयोजन करती है। SDO का चयन राज्य सरकार द्वारा PSC (Public Service Commission) यानी कि “लोक सेवा आयोग” की परीक्षा के माध्यम से किया जाता है। इच्छुक उम्मीदवार इस परीक्षा का फॉर्म भरकर यह exam दे सकता है।

इस परीक्षा में पार्टिसिपेट करने के लिए उम्मीदवार का उस संबंधित विभाग में ग्रेजुएशन होना चाहिए। जैसे अगर आप बिजली विभाग के SDO बनना चाहते हैं तो उस विभाग संबंधित स्नातक की डिग्री आपके पास होनी चाहिए।

SDO का Selection Process

SDO exam के द्वारा SDO की selection प्रक्रिया दो चरणों में की जाती है। जिनमें पहले प्रारंभिक परीक्षा होती है फिर मुख्य परीक्षा ली जाती है। चलिए हम इन दोनों के बारे में जानते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)

यह SDO के के चयन के लिए दी जाने वाली पहली परीक्षा है. दूसरे चरण की परीक्षा में उपस्थित रहने के लिए इस परीक्षा को पास करना आवश्यक है। इस परीक्षा में उम्मीदवार से ज्यादातर General Knowledge, Maths, Reasoning विषयों के संबंधित Objective प्रश्न पूछे जाते हैं। साथी ग्रेजुएशन के विषय के संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains Exam)

यह SDO (SDO full form) की परीक्षा का दूसरा चरण है। प्रथम चरण में पास होने वाले सभी उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। मुख्य परीक्षा में candidate को लिखित परीक्षा देनी पड़ती है जो प्रारंभिक परीक्षा से थोड़ी कठिन होती है। इस लिखित परीक्षा में उम्मीदवार से उनके विषय के संबंधित लिखित उत्तर वाले प्रश्न पूछे जाते हैं।

Interview

दोनों चरण की परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार को अंतिम चरण यानी कि Interview के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर ही SDO post के लिए सफल उम्मीदवार की घोषणा की जाती है।

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SDO बनने के लिए योग्यता (Eligibility)

SDO Officer की exam देने के लिए आपके पास निम्न प्रकार की योग्यता होनी चाहिए:

  • SDO की exam में बैठने के लिए आपके पास संबंधित विभाग की स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
  • आपकी उम्र 21 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए, वही OBC और SC/ST category के उम्मीदवार लिए उम्र में क्रमशः 3 और 5 साल की छूट प्राप्त है।

SDO की Salary

SDO की Salary की बात करें तो मासिक तनख्वाह 24,000 रूपये के आसपास हो सकती है। इसमें Allowances and Grades अलग से शामिल है। सभी भत्ते मिलाकर शुरुआती स्तर पर SDO ki Salary 50 से 60 हजार रूपये प्रति माह हो सकती है। इसके अलावा सरकार द्वारा इसे मुफ्त आवास और वाहन भी दिया जाता है।

SDO और SDM के बीच अंतर (Defference)

SDO और SDM दोनों ही सरकारी post है, लेकिन दोनों पोस्ट अलग-अलग है इनके हिसाब से दोनों के कार्य भी अलग-अलग होते हैं। Defference between SDO and SDM को समज ने के लिए नीचे दी गई बातें ध्यान में रखें।

  • SDO को उप-विभागीय अधिकारी कहां जाता है जबकि SDM को उप प्रभागीय न्यायाधीश कहां जाता है।
  • SDo पर सिर्फ अपने संबंधित विभाग की जिम्मेदारी होती है जबकि एसडीएम के पास पूरे जिले की जिम्मेदारी होती है।
  • हर जिले में अलग-अलग विभाग में अलग-अलग SDO होते हैं जबकि SDM हर जिले में एक ही होता है।

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